साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि | बिहार बोर्ड कक्षा 1 से 12वीं तक मिलने वाला पैसा

साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि | बिहार बोर्ड कक्षा 1 से 12वीं तक मिलने वाला पैसा

बिहार सरकार छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति जैसी आर्थिक सहायता शामिल है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे बिना किसी आर्थिक बाधा के पढ़ाई पूरी कर सकें।

बिहार बोर्ड के तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों को हर साल साइकिल, ड्रेस और छात्रवृत्ति की राशि दी जाती है। यह राशि सीधे छात्रों के खातों में भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और लाभ सही समय पर मिलता है।

साइकिल और पोशाक छात्र@वृत्ति की राशि

शिक्षा विभाग ने महालेखाकार को भेजा पत्र, राशि जारी करने की दी जानकारी
वित्तीय वर्ष 2025-26 में सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक स्कूलों सहित) प्रारंभिक विद्यालयों के कक्षा 1 में नामांकित सभी बच्चों को पोशाक की राशि दी जाएगी।कक्षा 2 से 8 तक के विद्यार्थियों को पिछले वर्ष यानी 2024-25 में 30 सितंबर तक कम से कम 75% उपस्थिति के आधार पर यह राशि दी जाएगी।

कक्षा 1 के सभी छात्रों को पोशाक की राशि मिलेगी

यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से छात्र या उनके अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री कन्या योजना के अंतर्गत बालिका पोशाक योजना

  • कक्षा 1 और 2 की छात्राओं को सालाना ₹600
  • कक्षा 3 से 5 तक की छात्राओं को ₹700
  • कक्षा 6 से 8 की छात्राओं को ₹1,000 की पोशाक राशि दी जाएगी।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत सहायता

इस योजना के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक की छात्राओं को ₹600 की दर से पोशाक के लिए सहायता राशि दी जाती है।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के तहत कक्षा 3 से 5 तक की छात्राओं को ₹100 और कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं को ₹400 की अतिरिक्त राशि देती है।

सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए पोशाक राशि

  • कक्षा 1 और 2 के छात्रों को ₹400 प्रति छात्र
  • कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों को ₹500 प्रति छात्र
  • कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को ₹700 प्रति छात्र

एससी, एसटी और बीपीएल छात्रों को अतिरिक्त सहायता

कक्षा 6 से 8 तक के अनुसूचित जाति, जनजाति और बीपीएल वर्ग के छात्रों को ₹100 की अतिरिक्त टॉप-अप राशि दी जाएगी।

गैर-सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को भी लाभ मिलेगा

कक्षा 1 के सभी छात्रों को और कक्षा 2 से 8 तक के छात्रों को 30 सितंबर 2024 तक 75% उपस्थिति के आधार पर पोशाक की राशि दी जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।

बिहार में पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि किन-किन कक्षाओं के छात्रों को दी जाती है?

बिहार सरकार द्वारा पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों को दी जाती है। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को DBT के माध्यम से पोशाक राशि और छात्रवृत्ति मिलती है। कक्षा 9 से 12 के छात्रों को साइकिल योजना और छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है।

कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को पोशाक के लिए कितनी राशि दी जाती है?

  • कक्षा 1-2 की छात्राओं को: ₹600 प्रति वर्ष
  • कक्षा 3-5 की छात्राओं को: ₹700 प्रति वर्ष
  • कक्षा 6-8 की छात्राओं को: ₹1,000 प्रति वर्ष

सामान्य वर्ग के छात्रों को भी ₹400 से ₹700 तक की राशि मिलती है, उपस्थिति के आधार पर।

साइकिल योजना का लाभ किन छात्रों को मिलता है?

साइकिल योजना का लाभ कक्षा 9 में पढ़ने वाले सभी छात्रों को मिलता है, चाहे वे किसी भी जाति, वर्ग या लिंग के हों। यह राशि DBT के माध्यम से सीधे छात्र के बैंक खाते में भेजी जाती है।

इस राशि को पाने के लिए क्या शर्तें होती हैं?

  • छात्रों की 75% उपस्थिति अनिवार्य है (कक्षा 2 से 8 तक)।
  • छात्र का नाम किसी मान्यता प्राप्त सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल में दर्ज होना चाहिए।
  • छात्र या छात्रा के पास बैंक खाता और आधार कार्ड होना जरूरी है।

यह राशि कैसे मिलती है और किसके खाते में जाती है?

यह राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से छात्रों या उनके अभिभावकों के बैंक खाते में सीधी भेजी जाती है। इसके लिए स्कूल द्वारा छात्रों की उपस्थिति, बैंक विवरण और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि की जाती है।

निष्कर्ष

बिहार सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों को साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि प्रदान करना एक सराहनीय कदम है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को स्कूल में बनाए रखना है। यह योजना छात्रों की शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने में भी मदद करती है। DBT के माध्यम से पारदर्शिता बनी रहती है और राशि सीधे छात्र या अभिभावक के खाते में जाती है। ऐसी योजनाएँ न केवल शिक्षा को सुलभ बनाती हैं, बल्कि राज्य में शैक्षिक सुधार और समानता की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करती हैं।

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